लौकी का हलवा
लौकी/ दूधी का हलवा एक हेल्दी और स्वादिष्ट मिष्ठान है। लौकी स्वास्थवर्धक और शक्तिवर्धक होने के कारण लौकी का हलवा हमारी स्वास्थ की दृष्टीकोन से सबसे बेहतर माना जाता है। लौकी के हलवे को व्रत में भी खाया जाता है। इसलिये जब भी व्रत हो तब आप हलवे का लुफ्त जरूर उठाए।
आम तौर पर घर घर में सूजी का हलवा, मूंग दाल का हलवा, गाजर का हलवा और दूधी का हलवा बनाया जाता है। दूधी में भरपूर मात्रा में पोषक तत्वों होने के कारण लौकी का हलवा हमारी सेहत के लिए लाभकारी होता है। और हमारा पाचन तंत्र दुरुस्त रखने में सहायक होता है। दूधी के नियमित सेवन से हमारी त्वचा का ग्लो बेहतर होता है। इसके सेवन से शरीर में चुस्ती, फुर्ती बनी रहती है।
- लौकी रेचक और शक्तिवर्धक होती है।
- लौकी पित्त और कफनाशक होती है।
- लौकी के सेवन से धातुओ की पुष्टि होती है।
- उष्ण प्रकृति के लोगो को लौकी का सेवन करने से शरीर में शीतलता और पोषण मूल्यों की प्राप्ति होती है।
- हमारे हृदय के स्वास्थ के लिए भी लाभकारक होती है।
- दूधी में विटामिन सी, बी भरपूर मात्रा में होने के कारण प्रतिऑक्सीकारण में मदत होती है।
- यकृत की कार्य क्षमता में सुधार लाने के लिए लौकी के सेवन का सुझाव चिकित्सक द्वारा अक्सर दिया जाता है।
लौकी का हलवा के लिए आवश्यक सामग्री : Ingredients for Lauki Halwa
- १/२ किलो लौकी
- १ कप दूध
- ३ चम्मच घी
- १ कप चीनी
- १०० ग्राम खोया/मावा
- ८ काजू
- ८ बादाम
- १० किशमिश
- १/४ छोटा चम्मच इलायची का पाउडर
लौकी का हलवा बनाने की विधि : How to Make Dudhi Halwa- Lauki Halwa
स्टेप १ : हलवा बनाने की पूर्व तैयारी
- लौकी हलवा बनाने के लिए सबसे पहले काजू और बादाम को पतले लम्बे-लम्बे टुकड़ो में काट लीजिये।
- लौकी को अच्छी तरह धोकर डंठल काटकर निकाल दीजिये ।
- लौकी का छोटासा टुकड़ा खाकर चेक करे, अगर कड़वा हो इस्तेमाल के योग्य नहीं होता है।
- कड़वा नहीं हो तो उसके (अपनी सुविधा के अनुसार) टुकड़े कर छीलकर कद्दूकस कर लीजिये, अगर बीज हो तो उसे निकालकर अलग कर लीजिये।
- हाथों से मसलकर/ कद्दूकस करके मावा पैन में डालकर धीमी आंच पर हल्का सुनहरा होने तक लगातार चलाते हुए भून कर तैयार कर लीजिये। हल्का ब्राउन होने पर अलग निकलकर रख लीजिए।
स्टेप २ :
- अब एक पैन में दो चमच घी डालकर मध्यम आंच पर गरम कर लीजिये।
- घी गरम होने पर उसमे कद्दूकस किया हुआ लौकी डालकर मध्यम आंच पर भुनिये।
- लौकी गलने तक बीच-बीच में चलाते हुए मध्यम आंच पर लगभग ५ मिनिट पकाए।
- अब उसमे दूध डालकर डालकर अच्छी तरह मिलकर २ मिनट पका लीजिए।
- लौकी नरम होने के बाद उसमे थोड़ा दूध शेष रहे तब उसमे चीनी डालकर अच्छी तरह चमच से मिला लीजिये।
- चीनी पिघलकर पानी छोड़ेगी वह पानी ख़त्म होने तक लगातार चलाते हुए पकाये (ताकि हलवा पैन के तले में नहीं चिपके)।
- अब उसमे एक चमच घी, भूना हुआ मावा और बारीक़ कटे काजू, बादाम के टुकड़े, इलायची पाउडर डालकर सभी चीजों को अच्छी तरह मिक्स कर लीजिये।
- जब हलवा गाढ़ा हो जाये (पानी का अंश पूरी तरह ख़त्म हो जाये) तब गैस बंद कर लीजिए।
- तैयार हलवे को बाउल में निकालकर उपर से काजू और बादाम से सजाकर (गार्निशिंग करके) गरमागरम सर्व करे।
सुझाव : Tips
- आप हलवा बनाने के लिए मावा (खोया) की जगह मिल्कमेड या मिल्क पाउडर भी डाल सकते है।
- लौकी का हलवा बनाकर फ्रिज में रखकर ठंडा भी खा सकते है, ४ -५ दिन फ्रिज में रख स्टोर कर सकते है।
- लौकी अगर कड़वा निकले तो उसे इस्तेमाल न करे,वह हमारी सेहत के लिए नुकसान दायक हो सकता है।
- हलवा में चीनी की मात्रा अपनी पसंद के अनुसार कम ज्यादा कर सकते है।
- डायबिटीज/ शुगर की बीमारी हो तो हलवे में चीनी की जगह शुगर सब्स्टिटूट/शुगर फ्री भी डाल सकते है।
- लौकी का हलवा ज्यादा पौष्टिक बनाना चाहते हो तो चीनी की जगह सेंद्रिय गुड़ इस्तेमाल कर सकते है।
🌼 लौकी (दूधी) का हलवा खाने के फायदे : Lauki Halwa benefits
👉 पाचन क्रिया:लौकी में फैट और कोलेस्ट्रॉल बहुत कम मात्रा में है। लौकी का हलवा खाने से हमारे पाचन क्रिया में सुधार होता है, कब्ज,पेट फूलना, एसिडिटी जैसी समस्या दूर होती है।
👉पोषक तत्व:दूधी में विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन बी-३, बी ६, थायमिन, आयरन, कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नेशियम, पोटेशियम,जिंक, राइबोफ्लेविन, प्रोटीन ऐसे कई तरह के प्राकृतिक पोषक तत्व पाए जाते है जो हमारे स्वास्थ के लिए बेहद उपयुक्त होता है।
👉सिरदर्द /माइग्रेन: आयुर्वेद के अनुसार जिन्हे मायग्रेन की समस्या हो उन्हें प्रातःकाल सूर्योदय से पहले गरमा गरम हलवा खाने से सिरदर्द में आराम होता है।
👉 तान-तनाव:भरपूर मात्रा में सोडियम और पोटेशियम होने के कारण जिन्हे उच्च रक्तचाप हो उनके लिए लौकी लाभकारी होती है। जब भी कभी तान-तनाव हो तभी गरम-गरम हलवा खाने से बेहद फायदा होता है।
👉 वात-पित्त-कफ:गाय के शुद्ध देसी घी में बना गरमा गरम दूधी का हलवा खाने से वात-पित्त-कफ इन त्रिदोषो का संतुलन होता है और हमें आराम मिलता है।
👉 कोलेस्ट्रॉल:लौकी के सेवन से शरीर के हानिकारक कोलेस्ट्रॉल कम होने लगता है, जिससे ख़राब कोलेस्ट्रॉल के कारण होने वाली कई बीमारिया होने का खतरा कम हो जाता है।
👉मूत्र संबंधीत समस्या:हमारी मूत्र संबंधी परेशानी में दूधी/लौकी बेहद गुणकारी होती है। लौकी के नियमित सेवन से हमें मूत्र संबधी समस्या में काफी लाभ होता है।
👉हड्डियों की मजबूती:दूधी में भरपूर मात्रा में कैल्सियम होने कारण दूधी के सेवन करने से हमारी हड्डीया मजबूत होती है।
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