ऑर्गेनिक हर्बल टी : हर्बल-टी को अगर हम आम शब्दों बताये तो यह प्राकृतिक रूपसे मिलने वाली विभिन्न गुणकारी वनस्पति के अंगो (Herbs) से बनाने वाला एक तरह का औषधीय काढ़ा है| यह हर्बल-टी औषधीय गुणों से भरपूर होती है और जो हमारे शरीर को हील करने में काफी उपयुक्त होता है|
👉 हर्बल-टी मे कभी भी दूध का इस्तेमाल ना करे ।
👉 अगर मीठा पंसद करते हो तब चीनी की जगह गुड/शहद या मिश्री का इस्तेमाल कर सकते है ।
👉 हर्बल-टी को बार-बार ना उबाले ।
👉 दिन मे साधारण रूप से 1 या 2 बार ही पीना चाहिए।
👉 चाय को ढक्कन लगाकर ना उबाले क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार ऐसा करने से ज्यादा फायदा नही होता है ।
👉 गर्मी के मौसम मे या जिनकी प्रकृति गरम हो उन्ह लोगो को कालीमिर्च/लौंग का इस्तेमाल थोडा कम करना चाहिए। नहीं तो शरीर में गर्मी बढ़ सकती है |
इसके इतिहास को देखे तो दुनिया के कई देशो में इसे एक दवा के रूप के पिया जाता है | कुछ पश्चिमी देशों में हर्बल चाय प्रतिदिन सेवन किया जाता है और उन्हें इससे बहुत लाभ भी हुआ है| चीन, श्रीलंका,इजिप्त,ग्रीस जैसे देशो में तो इसका बहुत प्रचलन है| इन देशोमे हर्बल चाय को अनगिनत बीमारिया ठीक करने में इस्तेमाल करते आ रहे है| हमारे देश में भी अनेको तरह के काढ़े(औषधि वनस्पतियो के अंगो से बनाने वाला एक हर्बल मेडिसिन) बनाने की परंपरा है| लेकिन इसका प्रचनल हमारे देश में बहुतही सिमित है|
सामान्य चाय तो हम हमेशा से पिते आ रहे है| लेकिन यह चाय हमारे स्वास्थ के दृष्टिकोनसे फायदे कम और नुकसान ज्यादा करती है| साधारण चाय ज्यादा मात्रा में पिने से होनेवाले कुछ दुष्परिणाम इस प्रकार है |
साधारण ज्यादा चाय पीने के नुकसान :१) आप का पाचनतंत्र और विशेष रूप से आते कमजोर होता है| 2) जठराग्नि मंद हो जाता है, भूक कम लगती है | ३) चाय ज्यादा मात्रा में सेवन करने से दिल की धड़कन बढ़ती है और श्वसन क्रिया बढ़ जाती है| दिल की बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है | ४) ज्यादा चाय पिने से एसिडिटी हो सकती है और अतिरिक्त गर्मी की वजह से मुँह में छाले जैसी तकलीफ हो सकती है| ५) ज्यादा चाय पिने वालो में अनिद्रा, चिड़चिड़ापन तथा सिर भारी होने जैसी समस्या अक्सर पायी जाती है| ६) ज्यादा चाय पिने से पेट अल्सर होने का खतरा होता है | ७ ) और इसमें चीनी डाली जाती है जो जहर से कुछ कम नहीं है | इससे रक्त में शुगर का स्तर बढ़ सकता है |
घर की बनी हर्बल चाय न केवल आपको सामान्य चाय की तरह ताजगी देगा, बल्कि आपके शरीर स्वास्थ के लिये बेहद फायदेमंद है| इस हर्बल चाय में इस्तेमाल होने वाली सारी वस्तुए आयुर्वेदिक दृष्टिकोणसे बेहद गुणकारी है| तुलसी,पुदीना,अदरक,लेमन ग्रास और यहाँ तक की दालचीनी और कालीमिर्च सभी स्वास्थ के लिए बेहद फायदेमंद है |
हर्बल चाय आपके घर में इस्तेमाल में आने वाली चीजों से ही बनती है| इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता, लेकिन आप इसे नियमित रूप से पीने में शामिल करते है, तो ये स्वास्थ के लिये बेहद लाभकारी होगी | आपकी सभी सामान्य समस्या जैसे,सर्दी,खांसी से लेकर रक्तचाप,इम्यून बूस्टिंग को बेहतर करने में इस चाय का इस्तेमाल काफी फायदेमंद होगा |
हेल्दी हर्बल टी
हर्बल चाय की सामग्री : Herbal Tea Ingredients
- ५-७ तुलसी के पत्ते
- लेमन ग्रास अंदाजासे
- १/२ छोटा चम्मच जीरा
- १ छोटा चम्मच साबुत धनिया
- १ छोटा चम्मच सौंफ
- १ छोटे चम्मच शहद (ऑप्शनल)
- २ कप पानी
- १ छोटी इलायची
- १ इंच अदरक का टुकड़ा
- २-३ कालीमिर्च
- १/२ इंच दालचिनी का टुकड़ा
- २-३ लौंग
हर्बल टी बनाने की विधि :
- सबसे पहले एक चाय के बर्तन में पानी उबालने के लिये रख दे |
- अब पानी में कद्दूकस किया हुआ अदरक और बारीक़ कटा हुआ लेमन ग्रास डालकर उसे अच्छी तरह उबाल ले |
- दोनों सामग्रियों को एकसाथ उबाल ने से इसका अर्क (एरोमा) पानी में अच्छी तरह से उतर जाता है |
- इसके बाद जीरा,धनिया,इलायची,सौंफ,लौंग,कालीमिर्च के दाने और दालचीनी इन सभी सामग्रियों को सिलबट्टे/ खलबत्ते में डालकर मोटा-मोटा कूट ले |
- अब ये मोटा मोटा कुटे हुए मसालों को उबलते पानी में डाल दिजिये |
- इसके बाद उसमे तुलसी के पत्ते डालकर उबाले |
- अच्छी तरह उबलने के बाद उसमे से एक एरोमेटिक सुगंध / खुसबू आने लगेगी |
- अच्छे से उबलने के बाद गैस को बंद कर दीजिए |
- इस चाय में दूध बिलकुल इस्तेमाल नही करना है |
- बाद में तैयार चाय को छान कर उसमें (आप चाहे तो) स्वाद के लिये शहद डालकर मिक्स कर ले |
- लीजिए तैयार है आपकी स्वास्थ से भरपूर और मन और शरीर को तरोताजा रखने के लिए हर्बल चाय |
सुझाव :Tips
- अगर आपको सर्दी,खांसी हो तो तब आप इस होममेड हर्बल चाय का सेवन करने से शरीर को विशेष फायदा होता है |
- सर्दी होने पर कालीमिर्च,लौंग की मात्रा आप थोड़ी अधिक बढ़ा सकते है |
- अन्य समय में इसमे आप लौंग,कालीमिर्च की मात्रा सिमित रखे |
- इसमें आप बेल के पत्ते,पारिजात,गुड़हल के पत्ते भी इस्तेमाल कर सकते है | जिससे हर्बल चाय के उपचार गुणों में वृद्धि होगी |
- सामान्य चाय के बदले इस हर्बल चाय के फायदे आरोग्य के दृष्टिकोनसे बहुत होते है |
🌼 होममेड हर्बल टी -चाय के आरोग्य के लिए होने वाले फायदे | Health Benefits Of Herbal Tea
👉 मुंह की दुर्गन्ध : तुलसी मे एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट प्रोपर्टीज होती है। मुँह में दुर्गंध निर्माण करने वाले विषाणु को कम करते है और मुंह/मसूड़ों मे होनेवाली बिमारीयों से बचाव करते है ।
👉रोगप्रतिकारक शक्ती: हमारे शरीर को निरोगी रखने में और रोग प्रतिरोधक शक्ती को बढ़ाने मे यह चाय काफी उपयुक्त होती है। रोग प्रतिकार क्षमता बढ़ने से हम कम बीमार पड़ते है |
👉पाचन तंत्र: हर्बल-टी हमारे पाचन तंत्र दुरूस्त रखती है ।अपच,आम्लपित,छाती मे जलन,गैस्ट्रिक प्राब्लम जैसी परेशानी पर बेहद गुणकारी है |
👉घुटनों मे दर्द मे अगर सूजन और दर्द हो रहा हो तब इसके नियमित सेवन से निश्चित रूप से दर्द/परेशानी कम होकर आराम पड़ता है ।
👉कॅन्सर:नियमित रूप से हर्बल टी का सेवन करने से कॅन्सर जैसी बिमारी से बचाव होने मे सहायक होता है।
👉वेट लॉस/ वजन कम करने के लिए:नियमित रूप से हर्बल टी पीने से वजन नियंत्रित/कम होने मे फायदेमंद है।
👉हृदय रोग/ब्लड प्रेशर: हर्बल-टी नियमित रूप के सेवन से ब्लडप्रेशर नियंत्रित होता है और हृदय रोगों मे बहुत उपयुक्त होता है ।
👉 एंटी एजिंग : हर्बल-टी में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते है जो हमारी बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करता है| आपकी त्वचा और बालो में ग्लो आ जाता है|
🌼 हर्बल टी बनाते समय कुछ जरुरी बातो का ध्यान रखे : Precautions while making Herbal Tea
👉 हर्बल-टी मे कभी भी दूध का इस्तेमाल ना करे ।
👉 अगर मीठा पंसद करते हो तब चीनी की जगह गुड/शहद या मिश्री का इस्तेमाल कर सकते है ।
👉 हर्बल-टी को बार-बार ना उबाले ।
👉 दिन मे साधारण रूप से 1 या 2 बार ही पीना चाहिए।
👉 चाय को ढक्कन लगाकर ना उबाले क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार ऐसा करने से ज्यादा फायदा नही होता है ।
👉 गर्मी के मौसम मे या जिनकी प्रकृति गरम हो उन्ह लोगो को कालीमिर्च/लौंग का इस्तेमाल थोडा कम करना चाहिए। नहीं तो शरीर में गर्मी बढ़ सकती है |
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